अपने अकसर देखा होगा कि एक स्कूल, कॉलेज आदि में, नौकरी करने वाले सब अच्छे पढ़े लिखे होते है और उनको उनकी qualification के हिसाब से ही जाना जाता है, स्कूल के स्टाफ में कोई आपको ऐसा नहीं मिलेगा को पढ़ा लिखा न हो और हम अपने बच्चे को अच्छे पढ़ने के लिए चेक भी करते है की स्टाफ कितना पढ़ा लिखा है, प्रिंसिपल की क्या पढ़ाई लिखाई है , क्युकी प्रिंसिपल ही तो स्कूल का मुख्य चहरा होती है.
हमारा ध्यान कभी इस बात पर नहीं जाता कि जिसका वह स्कूल है. वो कितना पढ़ा लिखा है या है भी नहीं, ये बात आप सब जानते है कि स्कूल को सही मायने में चलता कोन है, इस बात से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता कि हम कितना पढ़े लिखे है फर्क इस बात से पड़ता है कि हम क्या सोच रहे है, अगर अपने नौकरी करनी है तो आपको डिग्री और योगिता चाहिएं और अगर आपको मालिक बनाना है तो बस आपको डिग्री और योगिक को दिशा देना आना चाहिए
यही एक रास्ता है जो आपको अमीर बना सकता है
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धन्यवाद
Bat to sach hai
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